मेरे हसबैंड की दुल्हन बनी मेरी मां; मिटाई अपने जिस्म की भूख
212मेरी शादी को अब कुछ ही दिन बचे थे. इन दिनों में मैं मेरे मंगेतर के साथ फोन सेक्स किया करती थी. फोन सेक्स से हमने शादी से पहले ही हमारे काम जीवन की शुरुआत कर दी थी. फिर हमारी शादी हो गई. हम दोनों ने संभोग का बहुत आस्वाद लिया और अब मैं पेट से थी.
मेरा ख्याल रखने के लिए मेरी मां मेरे घर आ गई थी. मेरे पिताजी को गुजरे हुए कुछ साल हो गए थे. मेरी मां की भी उम्र कुछ ज्यादा नहीं थी. मुझे उनके शरीर के भूख का एहसास था. मैं उन्हें इस तरह कामवासना की भूखी नहीं देख पाती थी. मैंने सोचा कि अब वैसे भी मैं पेट से हूं तो पति मेरे साथ तो सेक्स कर नहीं सकते. तो उन्हें मेरी मां के साथ हमबिस्तर कराने हैं क्या प्रॉब्लम है? इस तरह से मेरी मां की भी जिस्म की प्यास मिट जाएगी. एक तीर से दो निशान बन जाएंगे.
इस बारे में मैंने मेरी मां से बात की. हां ना करते हुए वह बाद में तैयार हो गई. मैंने मां को दुल्हन बनने के लिए कहा और उनका बेडरूम सुहागरात की तरह सजा दिया. फिर उस रात मेरे पति ने मेरी मां के साथ ही सुहागरात मनाई. इधर मैं अपने कमरे में उन दोनों की कल्पना करते हुए हस्तमैथुन करने लगी. अब यह सिलसिला कुछ महीनों तक चलने वाला था.