मेरे बेटे का दोस्त आज मिटाएगा मेरी कामवासना!

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आज मैं बहुत खुश हूं! मेरे बेटे का दोस्त मुझे मिलने के लिए आया हैं. मेरी कामवासना यही मिटाने वाला है. इसका लंड लेने के लिए मैं कब से बेचैन थी. मेरे कंधे पर से साड़ी का पल्लू गिर चुका था. वह घुटनों पर बैठकर मेरे स्तनों के ऊपर दोनों हाथ रखकर मेरी नाभि चुमने लगा. इससे मेरी कामोत्तेजना बढ़ने लगी. मेरा सीना गहरी सांसों से ऊपर नीचे होने लगा.

फिर उसने मेरी ब्लाउज के बटन खोल दिए. मुझे पलटाया और ब्लाउज को पूरी तरह से निकाल दिया. उसने पीछे से मुझे अपने आगोश में लिया. ब्रा में कैद मेरे दोनों स्तनों को पकड़कर वह मेरी गर्दन, कंधे और पीठ चूमने लगा. इससे मेरा तन बदन रोमांचित हो उठा. मेरे स्तन अपना पूरा आकार धारण करने लगे.

फिर वो नीचे बैठकर धीरे-धीरे मेरी साड़ी ऊपर उठाने लगा. मैं पलट गई और अपनी एक टांग ऊपर उठा दी. उसने अपना सिर साड़ी के अंदर डाला और मेरी चूत की खुशबू सूंघने लगा. उत्तेजना से अब मेरे स्तन इतने फूल गए थे कि मानो वो ब्रा को फ़ाड़कर बाहर निकल आए जाएंगे. मैं मन में बोल रही थी की आज मुझे अच्छे से रगड़ दो.. निकाल दो इतने दिनों की गर्मी आज अपने लंड से!