मेरे पतिदेव ने मुझे अपने दोस्त के हवाले कर दिया

112

मेरे पतिदेव ने अपने एक दोस्त को रात में खाने पर बुलाया था. मैंने बड़े प्यार से उस मेहमान के लिए खाना बनाया और उतने ही प्यार से परोसा. लेकिन जब सोने की बारी आई तब मेरे पतिदेव ने मुझे अपने उस दोस्त के हवाले कर दिया. मैं समझ ही नहीं पा रही थी कि क्या हो रहा है. लेकिन उस पराए मर्द का स्पर्श मुझे अच्छा लगा. इसलिए जब उसने मेरे कपड़े उतारे तब मैं मना नहीं कर पाई. इधर मेरे पतिदेव भी तो कपड़े उतार कर नंगे खड़े थे.

अब जाकर सारा माजरा मेरे समझ आया. मेरे पतिदेव अपने दोस्त के साथ मिलकर मुझे चोदना चाहते थे. पर पहले वह मुझे अपने दोस्त से चुदते देखना चाहते थे. इसलिए तो उसने मुझे उसके हवाले कर दिया. उसके दोस्त ने मुझे अपने आगोश में लिया और मेरे चूतड़ पकड़कर मेरे होंठ चूमने लगा. संयोगवश आज मैंने अपनी चूत शेव कर रखी थी तो मेहमान के लंड के स्वागत के लिए वह भी तैयार थी.